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भारत के 9 प्रमुख प्राचीन वेधशालाएँ (Observatories) और उनकी विशेषताएँ

प्राचीन काल में जब समय देखने के लिए घड़ियाँ नहीं होती थी, तो कई विद्वानों ने कुछ इस तरह के अविष्कारों को जन्म दिया जिसकी सहायता से आप समय का सटीक अनुमान लगा सकते थे।

इसी तरह धीरे धीरे कई चीजों को जानने की आवश्यकता पड़ने लगी, जैसे- भविष्य को जानने, मौसम की दशा का अनुमान लगाने और ग्रहों की स्थिति का पता लगाने के लिए यंत्रों का निर्माण किया गया और उसे रखने व उसका अध्ययन करने के लिए भारत की वेधशालाओं (observatories in India) का निर्माण कराया गया।

आज हम आपको इन्हीं वेधशालाओं के बारे में जानकारी देने वाले है जिसे जानकर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेंगे। आइए जानते हैं Observatories in India के बारे में विस्तार से। 

 

वेधशाला क्या है? Vedhshala kya hai?

वेधशाला एक ऐसा स्थान होता है, जहाँ पर नक्षत्रों की स्थिति का अध्ययन किया जाता है। सरल भाषा में समझा जाए तो वेधशाला एक तरह की प्रयोगशाला होती है, जहाँ पर कई विषयों जैसे – तारे, ग्रह और नक्षत्र आदि पर शोध किया जाता है। प्राचीन काल में इन विषयों पर शोध करने के लिए वेधशालाओं का निर्माण किया गया था। इन वेधशालाओं में तारों, नक्षत्रों आदि को देखने व उनकी गति, उनकी दूरी आदि को समझने के लिए यंत्र होते हैं।

अब आप समझ गए होंगे कि आखिर भारत की वेधशाला (observatories in India) क्या होती है? चलिए आपको यह भी बताते है कि हमारे भारत देश में वेधशाला कितनी है और कहाँ कहाँ है ?

 

9 प्रमुख प्राचीन वेधशालाएँ (Ancient Observatories in India)

भारत की वेधशाला (observatories in India) आज दुनियाभर को हैरान कर देती है। यहाँ तक कि वैज्ञानिक भी इस तरह के अविष्कार को देखकर अचंभित होते है। लोग दूर दूर से various observatories in India को देखने आते है। भारत की कुछ प्रमुख व प्राचीन वेधशालाएं निम्न है :

1) दिल्ली का जंतर मंतर (Jantar Mantar Delhi)

Observatories in India - Jantar Mantar Delhi

दिल्ली में निर्मित जंतर मंतर भारत की एक खगोलीय वेधशाला (astronomical observatories in India) है जिसका निर्माण जयपुर के राजा जय सिंह द्वितीय द्वारा 1724 में करवाया गया था। इस खगोलीय वेधशाला में बड़े बड़े उपकरण है, जिनकी सहायता से खगोलीय गणना की जाती है। आपको बता दें कि जंतर मंतर से तात्पर्य “गणना के उपकरण” से है। इसलिए इस प्रकार की खगोलीय वेधशाला को जंतर मंतर नाम दिया गया। दिल्ली की जंतर मंतर को ईंटों से बनाया गया है। 

भारत के वेधशाला (observatories in India) दिल्ली के जंतर मंतर में आपको देखने के लिए निम्न उपकरण मिलेंगे :

  • मिश्र यंत्र
  • जय प्रकाश
  • सम्राट यंत्र
  • नियति चक्र
  • राम यंत्र

Address: Connaught Place, Sansad Marg, New Delhi, Delhi 110001

Opening Hours: 6:00 AM to 6:00 PM 

Nearest Metro Station: Rajiv Chowk or Patel Chowk Metro Station

Official Website: www.delhitourism.gov.in

 

2) जंतर मंतर उज्जैन (Jantar Mantar Ujjain)

Observatories in India - Jantar Mantar Ujjain

उज्जैन की जंतर मंतर वेधशाला को शासकीय जीवाजी वेधशाला के नाम से भी जाना जाता है। इस वेधशाला का निर्माण भी 1719 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा किया गया था। उज्जैन की यह वेधशाला क्षिप्रा नदी के समीप निर्मित है। इस वेधशाला में खगोलीय तालिकाओं और सूर्य, चंद्रमा की गतिविधियों को जानकर भविष्य की जानकारी प्राप्त की जाती थी। आपको बता दे कि यहाँ पर उपस्थित यंत्रों की मदद से प्रत्येक वर्ष नया पंचांग बनाया जाता है।

इस वेधशाला में स्वचालित दूरबीन भी स्थापित है, जिसकी सहायता से आप ब्रम्हांड में उपस्थित ग्रहों को देख सकते है। भारत के वेधशाला (observatories in India) जंतर मंतर उज्जैन में उपस्थित यंत्र इस प्रकार हैं :

  • यज्ञशाला यंत्र
  • नादिवलय यंत्र
  • शंकु यंत्र
  • सम्राट यंत्र

Address: Chintaman Rd, Jabsinghpura, Ujjain, Madhya Pradesh 456010

Opening Hours: 10:00 AM to 5.30 PM

Nearest Railway Station: Ujjain

 

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3) जंतर मंतर जयपुर (Jantar Mantar Jaipur)

Observatories in India - Jantar Mantar Jaipur

जयपुर की जंतर मंतर vedhshala बहुत प्रसिद्ध है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। क्यूंकि यह वेधशाला दुनिया की सबसे बड़ी वेधशाला में शामिल है। इस खगोलीय वेधशाला को राजा सवाई जय सिंह ने 1734 में बनवाया था। 

भारत के वेधशाला (observatories in India) जंतर मंतर जयपुर में उपस्थित यंत्रर इस प्रकार हैं :

  • लघु सम्राट यंत्र
  • वृत सम्राट यंत्र
  • जयप्रकाश यंत्र
  • ध्रुवदर्शक यंत्र
  • सम्राट यंत्र
  • क्रांति वृत
  • रामयंत्र
  • दिशा यंत्र
  • उन्नतांश यंत्र
  • षष्ठांश यंत्र
  • नाड़ी वलय यंत्र
  • राशि वलय यंत्र
  • दिगंश यंत्र

Address: Gangori Bazaar, J.D.A. Market, Pink City, Jaipur, Rajasthan 302002

Opening Hours: 9 AM to 4.30 PM

Nearest Landmark: Hawa Mahal

 

4) जंतर मंतर मथुरा (Jantar Mantar Mathura)

मथुरा जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण भी राजा जयसिंह ने करवाया था। परन्तु मथुरा की यह वेधशाला 1850 में पूर्ण रूप से नष्ट हो गयी इसलिए इसका वर्णन आपको अधिकतर जगहों पर नहीं मिलेगा।

 

5) जंतर मंतर वाराणसी (Jantar Mantar Varanasi)

Observatories in India - Jantar Mantar Varanasi

वाराणसी में भी राजा जयसिंह द्वारा जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण करवाया गया था। यह वेधशाला 1737 में बनी थी। वाराणसी की वेधशाला अन्य वेधशालाओं से छोटी है, परन्तु कई सदियों से यहाँ पर खगोलीय और ज्योतिष गणनाएं सटीक होती आ रही है। यह वेधशाला मान मंदिर की छत पर बनी हुई है।भारत के वेधशाला (observatories in India) वाराणसी वेधशाला में उपस्थित यंत्र इस प्रकार हैं :

  • चक्र यंत्र
  • लघु सम्राट यंत्र
  • सम्राट यंत्र
  • दक्षिणोत्तर भित्ति यंत्र
  • नाड़ी वलय दक्षिण और उत्तर गोल
  • दिगंश यंत्र

Address: 8256+488, Dashashwamedh Ghat Rd, Observatory, Man mandir, Rajendra Prasad Ghat, Dashaswmedh, Varanasi, Uttar Pradesh – 221001

Opening Hours: 6 AM to 5 PM

Nearest Airport: Lal Bahadur Shastri International Airport

 

6) वेणु बप्पू वेधशाला (Vainu Bappu Observatory)

vedhshala in india - vainu bappu

वेणु बप्पू वेधशाला भी एक astronomical observatories in india है। इस वेधशाला का स्वामित्व और संचालन भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान करती है। यह वेधशाला तमिलनाडु में जावडी पहाड़ियों की कवलूर में, तिरुपथुर जिले में वनियामबादी के समीप स्थित है। यह एम.के. कोडाईकनाल वेधशाला के पूर्व निदेशक वेणु बप्पू द्वारा 1970 में निर्मित की गयी थी। यह वेधशाला एशिया में सबसे अच्छी ऑपरेटिंग वेधशालाओं में से एक है एवं यहाँ पर एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन है।

Address: HRGF+X3G, Javadi Hills, Alangayam, Kavalur, Tamil Nadu 635701

Opening Hours: 7 AM to 10 PM

Nearest Airport: Bengaluru International Airport

 

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7) मद्रास वेधशाला (Madras Observatory)

astronomical observatories in india - Madras

मद्रास वेधशाला का निर्माण 1786 में विलियम पेट्री द्वारा एक निजी वेधशाला के रूप में किया गया था। यह खगोलीय वेधशाला 1792 से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थानांतरित और प्रबंधित कर दी गयी थी। 

Address: 369W+8HC, Subba Road Avenue, Nungambakkam, Chennai, Tamil Nadu 600008

Nearest Airport: मद्रास अंतर्राष्ट्रीय मीनांबक्कम हवाई अड्डा

 

8) माउंट आबू वेधशाला (Mount Abu Infrared Observatory)

vedhshala - Mount Abu Infrared Observatory

माउंट आबू इंफ्रारेड वेधशाला राजस्थान के मांउट आबू में स्थित है। इस वेधशाला की ऊंचाई 1680 मीटर है। यह अरावली रेंज में उपथित सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर के समीप बनी हुई है। 1.2 मीटर इन्फ्रारेड टेलीस्कोप जैसा यंत्र यहाँ पर देखने को मिलेगा, जिसे आकाशीय पिंडों के ग्राउंड-आधारित, इन्फ्रारेड पर्यवेक्षण हेतु बनाया गया है।

Address: Guru Sikhar, Sirohi District, Mount Abu, Rajasthan – 307501

Opening Hours: 8:00 AM to 6:00 PM

 

9) जवाहर पलानेटेरिम, इलाहाबाद (प्रजागराज)

इलाहबाद नक्षत्र भवन

इलाहाबाद वेधशाला इलाहाबाद के झूसी के उपनगर में स्थित है। यह वेधशाला भारतीय मानक समय को बनाये रखने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 82.5°E देशांतर पर यह वेधशाला बनी हुई है। यह समन्वित सार्वभौम समय से 5 घंटे और 30 मिनट पूर्व के सटीक समय अंतर को दर्शाती है।  

Address: Jawaharlal Nehru Road, Allenganj, Anand Bhavan, Allahabad, Uttar Pradesh, India

Timings: 9:30 AM – 5:00 PM

 

अब तो आप समझ गए होंगे कि भारत देश में कितनी वेधशालाएं है। आज भी हम भारत के  वेधशाला (observatories in India) की सहायता से वर्तमान में होने वाले परिवर्तनों को जान सकते है। Vedhshala in india आज पर्यटनों का केंद्र बनी हुई है। लोग दूर दूर से इन वेधशालाओं को देखने आते है। इनके बारे में जानकरी प्राप्त करते है। आप भी इन जगहों पर वेकेशन की प्लानिंग कर सकते है। इन जगहों पर घूमने के साथ साथ ज्ञानवर्धक और भारत के रूट से जुडी चीजे जान सकते है। 

 

Frequently Asked Questions

Question 1: जयपुर के राजा जय सिंह द्वितीय ने कितनी वेधशालाओं का निर्माण करवाया था?

जयपुर के राजा जय सिंह द्वितीय ने पांच वेधशालाओं जंतर मंतर दिल्ली ,जंतर मंतर जयपुर ,जंतर मंतर उज्जैन ,जंतर मंतर मथुरा ,जंतर मंतर वाराणसी का निर्माण करवाया था। 

Question 2: जयपुर के राजा जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित प्रथम वेधशाला कौन सी है?

जयपुर के राजा जय सिंह द्वितीय ने पहली वेधशाला उज्जैन में बनवायी। उन्होंने यहाँ पर सबसे पहले सम्राट यन्त्र का निर्माण करवाया। 

 

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