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रामायण महाकाव्य के 7 काण्ड और उनका महत्व

ramayan mein kitne kand hai

Ramayan mein kitne kand hai: श्री राम की गाथा, रामायण हिन्दू धर्म की एक प्रमुख धार्मिक पुस्तक है जिसमें श्री राम के सम्पूर्ण जीवन की गाथा का बड़ा ही सजीव और सुन्दर चित्रण है। इसमें श्री राम द्वारा अपनाए गए सभी आदर्शों के बारे में बताया गया है। इसमें उन्हें आज्ञाकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम, पिता के प्रति आदर और प्रेम, पत्नी प्रेम, भाइयों के प्रति असीम स्नेह को सुंदरता से बताया गया है। रामायण को महर्षि श्री वाल्मीकि ने संस्कृत में लिखा जिसे बाद में हिंदी और कई अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया।

जैसा की कई किताबों मे अलग अलग विषय या भाग होते है, उसी प्रकार रामायण को भी कई भागों मे बाटा गया है जिसे आमतौर पर कांड कहते है। कई भक्तों के मन मे यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि रामायण मे कितने कांड है (Ramayan mein kitne kand hai)? इन्ही प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आज हम आपके लिए ये पोस्ट लाएं है – इसे अंत तक जरूर पढ़ें।

 

रामायण में कितने कांड है? Ramayan Mein Kitne Kand Hai?

रामायण में सात काण्ड हैं और हर एक कांड भगवान राम के जीवन के एक पढ़ाव को विस्तार मे बतलाते हैं। रामायण के सात कांडों के नाम इस प्रकार है :

1) बालकांड

2) अयोध्याकांड

3) अरण्यकांड

4) किष्किन्धाकांड

5) सुन्दरकांड

6) लंकाकांड

7) उतरकांड

आइये अब विस्तार से रामायण के सभी कांडों के बारे में जानते है।

 

रामायण के 7 कांड (Ramayan Ke Kand)

1) बालकाण्ड (Bal Kand)

ramayan mein kitne kand hai - Bal kand

रामायण के 7 कांडों (Ramayan ke kand) मे से सबसे पहला कांड है बालकाण्ड। यह सभी कांडों मे से सबसे बड़ा है क्योकि इसमें श्री राम और उनके भाइयों के पैदा होने से लेकर उनके विवाह तक की कथाओं का बड़ा ही सुन्दर विवरण है। पुत्र प्राप्ति की कामना से राजा दशरथ पुत्रोष्टि (यज्ञ) करते हैं और यज्ञ से मिले आशीर्वाद के फलस्वरूप उन्हें चार पुत्र प्राप्त होते है। राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या से उन्हें श्री राम प्राप्त हुए, पत्नी कैकई से उन्हें भरत और पत्नी सुमित्रा से लक्ष्मण तथा शत्रुघन प्राप्त हुए।

बालकाण्ड में उस घटना का भी वर्णन है जब विश्वमित्र राक्षसों से ऋषियों की रक्षा हेतु श्री राम और लक्ष्मण को अपने साथ ले जाते है। इस वक्त श्री राम अनेकों राक्षसों का वध कर देते है और उनकी मदद से विश्वमित्र का यज्ञ संपन्न होता है।इस काण्ड में अहिल्या के श्राप से मुक्ति का भी वर्णन है। इसी काण्ड में श्री राम द्वारा सीता के स्वयंवर में शिव धनुष को उठाकर स्वयंवर जीतने का भी उल्लेख है। उनके साथ साथ लक्ष्मण-उर्मिला, भारत- मांडवी और शत्रुघन – श्रुतकीर्ति के विवाह का भी उल्लेख है।

रामायण में कितने कांड है (Ramayan Mein Kitne Kand Hai) की सम्पूर्ण जानकारी पाने के लिए अंत तक जरूर पढ़ें।

 

2) अयोध्या कांड (Ayodhya Kand)

ramayan mein kitne kand hai - ayodhya kand

रामायण के सात काण्ड में से दूसरा काण्ड है अयोध्या काण्ड। रामायण के दूसरे काण्ड में श्री राम के विवाह से लेकर उनके जीवन के उस पड़ाव के बारे में उल्लेख है जब वो वनवास चले जाते है। इस कांड में बताया गया कैसे दासी मंथरा के भड़काने पर कैकई ने राजा दशरथ द्वारा पहले दिए गए वचन का इस्तेमाल करके श्री राम को वनवास भेजने और अपने पुत्र भरत के राज्यअभिषेक की बात की थी। उनकी इसी मांग के चलते श्री राम सीता माता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिए वनवास चले जाते है।

पुत्र वियोग में राजा दशरथ का देहांत हो जाता है और उनका अंतिम संस्कार भरत द्वारा किया जाता है। भरत अयोध्या का राजा बनना अस्वीकार कर देते है और अपने भाई को खोजने निकल पड़ते हैं। जब वो श्री राम से मिलकर उन्हें पिता की मृत्यु का समाचार देते है और उनसे वापिस चलने के लिए कहते है। श्री राम उन्हें मना कर देते है। उनके मना करने पर भरत उनकी पादुका को ले जाते है और अयोध्या के सिंहासन में रख देते है।

 

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3) अरण्यकाण्ड (Aranya Kand)

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रामायण में कितने कांड है (Ramayan Mein Kitne Kand Hai) पर आधारित इस लेख मैं अब हम जानेंगे तीसरे कांड के बारे में – अरण्यकाण्ड। रामायण के इस काण्ड में माता सीता का रावन द्वारा हरण और श्री राम की उनकी खोज का वर्णन है। इस काण्ड में बताया गया कि किस तरह श्री राम चित्रकूट से निकलकर अत्रि ऋषि, फिर शरभंग ऋषि, फिर सुतीक्ष्ण ऋषि, अगस्त्य ऋषिमुनि से मिलते हुए दंडक वन में जाकर रहने लगे। ये वही स्थान है जहाँ श्री राम जटायु से मिले थे।

पंचवटी में ही लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा की नाक काटने का भी उल्लेख है। इसमें ये भी बताया गया कि शूर्पणखा रावण को उसकी नाक काटने और सीता माता के बारे में बताती है जिसे सुनकर रावण श्री राम से बदला लेने का विचार करने लग जाते हैं। वो श्री राम और लक्ष्मण को सीता माता से दूर करने के लिए मारीच को स्वर्ण हिरन बनाकर भेजते है।सीता माता के कहने पर श्री राम उसके पीछे जाते है। कुछ देर बाद मारीच श्री राम की आवाज़ में “आह लक्ष्मण” की आवाज निकलता है जिसे सीता माता सुनकर घबरा जाती हैं और लक्ष्मण को श्री राम की खोज में भेज देती है।

लक्ष्मण के जाने के बाद रावण छल से सीता माता का हरण करके उन्हें ले जाते है। जटायु सीता माता की आवाज सुनकर उनकी सहायता के लिए जाते है लेकिन रावण उनको घायल कर देते है। सीता माता की तलाश में निकले श्री राम को जब घायल जटायु मिलते है तब उन्हें पता चलता है कि सीता माता का हरण किसने किया और वो उन्हें लेकर किस दिशा में गया  है।

 


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4) किष्किन्धा काण्ड (Kishkindha Kand)

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रामायण के सात काण्डों में से चौथा काण्ड है किष्किन्धा काण्ड। इस काण्ड में श्री राम भक्त हनुमान और श्री राम के मिलन, श्री राम और  सुग्रीब की दोस्ती, राजा बली का वध और हनुमान जी का सीता माता की खोज में लंका की और जाना आदि का वर्णन है।

इसमें बताया गया कि कैसे श्री राम और लक्ष्मण हनुमान जी से मिलते है और कैसे उनके जरिए उनकी दोस्ती सुग्रीव से होती है। ये भी उल्लेख है कि किस तरह श्री राम बाली का वध करके सुग्रीव को किष्किन्धा का राजा और अंगद को युवराज बना देते हैं। फिर सुग्रीव श्री राम को दिए वचन के चलते सीता माता की खोज में उनके साथ समुद्र किनारे तक जाते है। वहां उनकी मुलाक़ात सम्पाती से होती है। उन्हें सम्पाती से पता चलता है कि रावण ने सीता माँ को अशोकवाटिका में कैद करके रखा है।

रामायण में कितने कांड है (Ramayan Mein Kitne Kand Hai) के इस लेख में आइए अगले कांड के बारे मे जानते हैं।

 

5) सुन्दर काण्ड (Sundar Kand)

ramayan mein kitne kand hai - sundar kand

रामायण में कितने कांड है (Ramayan Mein Kitne Kand Hai) सवाल का जवाब बिना इस कांड को जाने पूर्ण नहीं हो सकता। सात काण्ड में से सबसे महत्वपूर्ण पांचवा काण्ड है जिसे सुन्दर काण्ड कहते हैं। इस काण्ड में हनुमान जी की सीता माता से भेट, उन्हें श्री राम के आगमन की सुचना देने, लंका से वापिस आने और लंका तक रामसेतु बनाने का वर्णन है।

इस काण्ड में वर्णन है कि कैसे हनुमान जी जामवंत की सलाह पर लंका जाते है और अनेको परेशानियों का आसानी से सामना करते हुए अशोक वाटिका पहुंच जाते है। वहां सीता माता को श्री राम की अंगूठी देकर उन्हें बताते है कि श्री राम जल्द ही उन्हें लेने आ रहे है। वो माता सीता की चूड़ामणि लेकर, लंका में आग लगाकर, रावन पुत्र अक्षय कुमार को मार कर वापिस श्री राम के पास आते है।

इस काण्ड में ये भी बताया गया है कि रावन के भाई विभीषण अपमानित होकर श्री राम से मिलने आते है और उनकी मदद करते है।  इसी काण्ड में लंका तक जाने के लिए नल और नील द्वारा श्री राम का नाम पत्थरों पर लिखकर रामसेतु बनाने का भी वर्णन है।

रामायण में कितने कांड है (Ramayan Mein Kitne Kand Hai) के इस लेख में आइए अगले कांड के बारे मे जानते हैं।

 

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6) लंका काण्ड (Lanka Kand)

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रामायण के इस काण्ड में श्री राम और रावन के बीच घमासान युद और श्री राम की जीत का वर्णन है। इस अंतिम अध्याय में बताया गया है कि किस तरह पुल पार करके श्री राम की सेना लंका जाती है और दोनों पक्षों के बीच भयंकर युद्ध होता है। इस कांड में मेघनाद द्वारा लक्ष्मण के मुर्छित होने, हनुमान जी द्वारा लाई संजीवनी बूटी से उनका ठीक होना बताया गया है। इसमें बताया कैसे युद्ध में मेघनाद, कुम्भकर्ण, अन्य योद्धाओं और आखिर में रावण का वध श्री राम के हाथों होता है। इसी में विभीषण के राज्याभिषेक का भी वर्णन है।

रामायण में कितने कांड है (Ramayan Mein Kitne Kand Hai) के इस लेख में आइए अगले कांड के बारे मे जानते हैं।

7) उत्तरकाण्ड (Uttar Kand)

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ये रामायण का उपसंहार है। इसमें श्री राम, सीता माता और लक्ष्मण के वापिस अयोध्या लौटने और उनके द्वारा किए गए कार्यो का वर्णन है। हम आपको बता दें, कि ये वाल्मीकि द्वारा लिखी रामायण का हिस्सा नही है।

उम्मीद है कि आपको आपके सवाल रामायण में कितने कांड है (Ramayan Mein Kitne Kand Hai)  का सही उत्तर मिल गया होगा।

 

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Frequently Asked Questions

सवाल – रामायण में कितने श्लोक हैं? (Ramayan me kitne shlok hai?)

उत्तर- रामायण में कुल 24,000 श्लोक हैं, जो 7 कांडों में विभाजित है।

सवाल- रामायण में कितने अध्याय हैं?( Ramayan me kitne adyay hai?)

उत्तर- रामायण में सात अध्याय है, जिन्हे कांड भी कहा जाता है। यह श्री राम के जीवन का 7 हिस्सों मे विस्तार से उल्लेख करता है।

 

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